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नवमीं पर जयकारों से गूंजे देवी मंदिर भोपाल से 70Km दूर सलकनपुर में भक्तों का मेला

शक्ति की आराधना के पर्व नवरात्रि की नवमीं पर देवी मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। भोपाल से 70 किलोमीटर दूर सलकनपुर स्थित बिजासन मंदिर में रात 12 बजे से ही भक्तों की भीड़ लग गई। कई किलोमीटर भक्त पैदल चलकर मां के दरबार में पहुंचे। देर रात तक भक्तों की भीड़ रहेगी। इसी तरह 20 किलोमीटर दूर गुदावल गांव में मां कंकाली के मंदिर में भी भक्तों की भीड़ लगी हुई है। राजधानी के बीचोंबीच कर्फ्यू वाली माता मंदिर में विभिन्न अनुष्ठान किए किए।

सलकनपुर स्थित मंदिर में सुबह की आरती में हजारों भक्त शामिल हुए। भक्तों के आने का सिलसिला जारी है। भोपाल, रायसेन, सीहोर, विदिशा, उज्जैन, इंदौर, देवास समेत दूर-दूर से भक्त दर्शन करने के लिए आ रहे हैं। पूरी रात यहां भक्तों का हुजूम देखने को मिलेगा।

भोपाल से 20 किमी दूर रायसेन जिले के बिलखीरिया के गुदावल गांव में मां कंकाली का है। यह एक ऐसा मंदिर हैं, जिसमें मां काली की 20 भुजाओं वाली मूर्ति के साथ भगवान काल भैरव और ब्रम्हा-विष्णु-महेश की प्रतिमाएं विराजमान हैं। इस मंदिर को लाकर मान्यता है कि यहां मां काली की देशभर में एकमात्र ऐसी प्रतिमा है, जिसकी गर्दन 45 डिग्री झुकी हुई दिखाई देती है। माता की टेढ़ी गर्दन एक द‍िन के ल‍िए सीधी हो जाती है। यह एक ऐसा चमत्कारी मंदिर है, जहां दूर-दूर से लोग अपनी मनोकामना पूरी करने आते हैं।

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गिनने पर एक भुजा पाई जाती है हमेशा कम
मंदिर समिति के उपाध्यक्ष गुलाब सिंह मीना ने बताया कि साल 1731 में माता रानी की प्रतिमा स्वयं प्रकट हुई थी। उस दौरान गांव के हरीलाल मीना के सपने में माता रानी ने दर्शन दिए थे और फिर इस जगह से माता की मूर्ति को निकलवाकर उन्होंने मूर्ति की स्थापना कराई गई। यहां मौजूद माता की सभी प्राचीन मूर्तियों की स्थापना उसी साल में कराई गई थी। माता की 20 भुजाएं हैं लेकिन जब भी इनकी गिनती करते हैं तो एक भुजा कम पाई जाती है। यहां माता का सिर झुका हुआ है और वो अपने भक्तों को सोच मुद्रा में दर्शन देती हैं। ऐसी मान्यता है कि साल में एक बार नवरात्र के दौरान क्षण भर के लिए माता की 45 डिग्री झुकी हुई गर्दन सीधी हो जाती है। पहाड़ी पर विराजित मां कंकाली के दरबार में जो भी भक्त अपनी अर्जी लगाता है, उसकी मनोकामना हमेशा पूरी होती है।

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कर्फ्यू माता मंदिर में नारियल के साथ पर्ची लगाकर मांगी जाती है मनोकामना
भोपाल के पीर गेट स्थित कर्फ्यू माता के मंदिर में भी सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया है। नवरात्रि में यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, लेकिन आज नवरात्रि की नवमी तिथि में माता के दर्शन के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़े हुए हैं। वैसे तो पूरे सालभर यहां दर्शनार्थियों की भीड़ लगी रहती हैं। यहां के लिए ऐसी मान्यता है कि माता के भक्त यहां नारियल के साथ पर्ची में अपनी अर्जी लिखकर मन्नत मांगते हैं और सभी की मनोकामना पूरी भी होती है। भोपाल सहित आसपास की जगहों से भक्त माता के दर्शन के लिए आते हैं।

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चारों ओर जयकारों की गूंज
चारों ओर कर्फ्यू माता की जय की गूंज सुनने को मिली। सुबह 6:30 बजे माता की आरती हुई उसके बाद 9 बजे आरती हुई। बता दें 2 अक्टूबर को पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी कर्फ्यू माता के मंदिर में आरती करके नशा मुक्ति अभियान के खिलाफ पैदल यात्रा की थी।

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