
इस्लामाबाद
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। 5 साल तक सरकारी पद ग्रहण करने को लेकर अयोग्य करार दिए जाने के बाद अब उनके खिलाफ ‘हत्या का प्रयास’ का मामला दर्ज हुआ है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता और नेशनल असेंबली के सदस्य मोहसिन शाहनवाज रांझा की शिकायत पर यह मामला इस्लामाबाद के सचिवालय थाने में दर्ज हुआ है। दरअसल, रांझा पर इस्लामाबाद में पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ECP) कार्यालय के बाहर हमला किया गया था, जहां पीटीआई समर्थक तोशाखाना मामले में इमरान को अयोग्य घोषित करने के ईसीपी के फैसले का विरोध कर रहे थे।
रांझा ने FIR में बताया कि तोशाखाना मामले में आयोग के सामने वह वादी के रूप में पेश हुए थे। इसे लेकर उन पर हमला किया गया। रांझा के ईसीपी से बाहर कदम रखते ही उन पर पीटीआई लीडरशिप के इशारे पर ‘हत्या के इरादे’ से हमला किया गया। उन्होंने कहा कि उनकी कार पर भी हमला किया गया और शीशे तोड़कर अंदर घुसने का प्रयास किया गया।
इमरान पर गिफ्ट की बिक्री से मिले पैसे छिपाने का आरोप
पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने इमरान खान को प्रधानमंत्री के तौर पर तोशाखाना (सरकारी भंडार गृह) में विदेशी नेताओं से मिले कीमती उपहारों की बिक्री से मिले आय छिपाने का दोषी पाया, जिसके बाद उनकी संसद सदस्यता चली गई। साथ ही 5 साल तक उनके चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी गई। हालांकि, अभी इस बात को लेकर असमंजस है कि 5 साल का प्रतिबंध मौजूदा असेंबली के 5 साल के कार्यकाल तक रहेगा या फिर निर्वाचन आयोग का फैसला आने की तारीख से यह प्रतिबंध शुरू होगा।
नेशनल असेंबली का वर्तमान कार्यकाल अगस्त 2018 में शुरू हुआ था। खान ने अप्रैल में संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया था। इस लिहाज से असेंबली का कार्यकाल पूरा होने तक उन पर प्रतिबंध लगा रहेगा। निर्वाचन आयोग का फैसला आने के तुरंत बाद खान ने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेताओं के साथ एक के बाद एक दो बैठकें कीं। इसके बाद जारी पहले से रिकॉर्ड संदेश में उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया और सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने के बजाय कानूनी रूप से अयोग्यता को चुनौती देने की बात कही।





Users Today : 1
Users This Month : 87
Total Users : 233045
Views Today : 1
Views This Month : 137
Total views : 53999



