दक्षिणावर्ती शंख के चमत्कारिक लाभ उपाय
श्रमवीर भारत न्यूज़ /एस्ट्रोलॉजी वास्तु शास्त्र 21जुलाई2021/
दक्षिणावर्ती शंख के चमत्कारिक लाभ
शंख के बारे में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जो ना जानता हो स्मृति में इस पृथ्वी में बहुत प्रकार के शंख पाए जाते हैं जिनका वर्णन आपको शास्त्रों प्रमुख पुराणों में वर्णन मिलता है शास्त्रों में एक से एक दुर्लभ शंख का उल्लेख किया गया है ।
प्राचीन काल में पूजन से लेकर भावांतर आवाहन तक हिंदू धर्म सनातन धर्म में शंखके द्वारा किया जाता रहा है अत्यंत पवित्र शुद्ध शुद्ध वस्तुओं में को शंख को माना गया है हमारे यहां आरती पूजन हर प्रकार के उत्सव में शंख को बजाने का रिवाज है सनातन धर्म से घर को पवित्र करने के लिए शंख में जल भरकर घर में छिड़का जाता था
दक्षिणावर्ती शंख को को लक्ष्मी जी का भाई बुलाया जाता है
जिससे घर पवित्र हो जाता था शंख कई प्रकार के होते हैं मोती शंख गणेश शंख हनुमान हनुमत शंख उनके बारे में भी मैं आपको अगले लिखूंगा बताऊंगा अभी दक्षिणावर्ती शंख के बारे में में बता रहा हूं दक्षिणावर्ती शंख को को लक्ष्मी जी का भाई बुलाया है लक्ष्मी जी की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी और दक्षिणावर्ती शंख हुई समुद्र से ही उत्पन्न हुआ लक्ष्मी जी के भ्राता के रूप में बड़ा दुर्लभ शंख होता है ।
मुख इसका मुख्य दाहिनी
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मुख
इसका मुख्य दाहिनी तरफ से खुलता है इसलिए इसको दक्षिणावर्ती शंख बोलते हैं जिस जिस के यहां भी जिस घर में भी होता है वहां पर हर पल उन्नति धन की स्थिति हर्षोल्लास वैभव धीरे-धीरे सभी चीजें बढ़ने लगती है।
यह हर प्रकार के कार्य बनाने वाला
यह हर प्रकार के कार्य बनाने वाला कामधेनु के समान घर में बरकत देने वाला यश कीर्ति नहीं देने वाला दक्षिणावर्ती शंख से यदि सही विधि द्वारा गुरु पुष्य नक्षत्र अमृत सिद्धि योग सर्वार्थ सिद्धि योग महेश को स्थापित कर यदि पूजन किया जाता है ।
दक्षिणावर्ती शंख को गुरुवार या शुक्रवार को लाना चाहिए उस दिन यह लक्ष्मी ले कोई आता है दक्षिणावर्ती शंख में लक्ष्मी सूक्त द्वारा पाठ करके चावल भरा जाए और उस चावल को हर महीने बदला जाए दक्षिणावर्ती शंख परम सिद्ध हो जाता है इस को पूजन स्थान में ही रखना चाहिए।
दक्षिणावर्ती शंख को शुभ मुहूर्त में पूजन स्थान में स्थापित कर एक विधि में यह भी है कि दक्षिणावर्ती शंख में चांदी के सिक्के भरकर पूजन स्थान में रोज दीपक और धूप दिखाई जाए लक्ष्मी सूक्त का पाठ किया जाए धीरे-धीरे उस घर में अभाव खत्म हो जाता है ।
हर प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं लक्ष्मी की स्थिति बढ़ने लगती है व्यक्ति हजार पति से लखपति लखपति से करोड़पति धनवान बनता जाता है दक्षिणावर्ती शंख की स्थापना के बाद हमेशा पवित्रता का ध्यान देना आवश्यक है पूजन स्थान से लेकर घर को पवित्र रखें मांसाहार मदिरा सेवन से बचें नहीं तो शंख कार्य नहीं करता है।
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जिस माता बहनों को शादी के बहुत सालों बाद बच्चे नहीं होते
जिस माता बहनों को शादी के बहुत सालों बाद बच्चे नहीं होते माता बहनों को सिद्ध दक्षिणावर्ती शंख में पानी भरकर प्रतिदिन माता लक्ष्मी और विष्णु जी का नाम लेकर अभिमंत्रित जल का सेवन करना चाहिए संतान की प्राप्ति होती है ।
जिन व्यापारी बंधुओं के व्यापार अच्छे नहीं चल रहे हैं उनको अपने व्यापार स्थान में दक्षिणावर्ती शंख को स्थान देना चाहिए और नित्य पूजन पाठ करना चाहिए व्यापार दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करने लगता है।
जिन बच्चों बच्चों की नौकरी की दिक्कत बनी हुई है दक्षिणावर्ती शंख को रविवार के दिन आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करके उन काजल पीने से बहुत ही जल्दी नौकरी लगने लग जाती है पृथ्वी में कामधेनु के समान है दक्षिणावर्ती शंख।
इसका मंत्र इस प्रकार है ॐ श्रीं दक्षिणावर्ति आये नमः जप संख्या 1008 बार।
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पंडित मनु मिश्रा ज्योतिष आचार्य सिद्धि रत्न एवं ज्योतिष।