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अब विदेशी बाजारों में जल्द ही खादी मास्क देगी दस्तक

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को देखते हुए खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने ‘स्थानीय से वैश्विक’ का कदम उठाया है। कोविड- 19 वैश्विक महामारी के दौरान फेस मास्क की अत्यधिक मांग को देखते हुए केवीआईसी ने दो स्तरीय और तीन स्तरीय कॉटन के साथ‑साथ सिल्क फेस मास्क को विकसित किया है, जो पुरुषों के लिए दो रंगों में और महिलाओं के लिए कई रंगों में उपलब्ध है।
केवीआईसी को अब तक 8 लाख फेस मास्क की आपूर्ति के ऑर्डर प्राप्त हो चुके हैं और लॉकडाउन अवधि के दौरान 6 लाख से ज्यादा फेस मास्क की आपूर्ति की जा चुकी है। केवीआईसी को राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्र सरकार के मंत्रालयों, जम्मू-कश्मीर सरकार से ऑर्डर प्राप्त हुए हैं और आम नागरिकों द्वारा ईमेल के माध्यम से ऑर्डर मिले हैं। फेस मास्क की बिक्री करने के अलावा पूरे देश में खादी संस्थानों द्वारा जिला प्राधिकरणों को 7.5 लाख से ज्यादा खादी के फेस मास्क मुफ्त में बांटे गए हैं।
केवीआईसी की योजना दुबई, अमेरिका, मॉरीशस और कई यूरोपीय और मध्य पूर्व देशों में खादी फेस मास्क की आपूर्ति करने की है, जहां पर पिछले कुछ वर्षों में खादी की लोकप्रियता काफी बढ़ी है। केवीआईसी की योजना इन देशों में भारतीय दूतावासों के माध्यम से खादी फेस मास्क बिक्री करने की है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा सभी प्रकार के गैर‑सर्जिकल मास्क के निर्यात पर प्रतिबंध हटा लेने से केवीआईसी अब विदेशों में खादी कॉटन और रेशम फेस मास्क के निर्यात की संभावनाओं का पता लगा रहा है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से इस संदर्भ में 16 मई को अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि खादी फेस मास्क का निर्यात, ‘स्थानीय से वैश्विक’ होने का सबसे बढ़िया उदाहरण है। सक्सेना का कहना है कि प्रधानमंत्री की अपील के बाद हाल के वर्षों में खादी के कपड़े और अन्य उत्पादों की लोकप्रियता पूरी दुनिया में काफी बढ़ी है। खादी फेस मास्क के निर्यात से उत्पादन में गतिशीलता आएगी और अंतत भारत में कारीगरों के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि फेस मास्क कोरोना महामारी से निपटने के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपकरणों में से एक है। खादी फैब्रिक से तैयार ये डबल ट्विस्टेड मास्क न केवल गुणवत्ता और मांग के पैमाने पर खरे उतरते हैं बल्कि वे लागत प्रभावी, सांस लेने में उपयुक्त, धोने योग्य, पुन: उपयोग करने योग्य और बायो-डिग्रेडेबल हैं।
इन मास्क के निर्माण में केवीआईसी द्वारा विशेष रूप से डबल ट्विस्टेड खादी कपड़े का उपयोग किया जा रहा है, क्योंकि यह नमी की मात्रा को अंदर तक बनाए रखने में मददगार साबित होता है और हवा को अंदर जाने देने के लिए एक आसान मार्ग प्रदान करता है। इन मास्क को जो बात विशेष रूप से खास बनाती है। वह हाथ से बुने हुए कॉटन और सिल्क के कपड़े हैं। कॉटन एक मैकेनिकल अवरोधक के रूप में जबकि रेशम एक इलेक्ट्रोस्टैटिक अवरोधक के रूप में काम करता है।
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Author: Manu Mishra 1 shramveerbharat news

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