
नई दिल्ली | एक कैदी को अदालत ने आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने और ब्लूटूथ चालू रखने की अनिवार्य शर्त के आधार पर जमानत दी है। अदालत ने इस कैदी को कहा है कि अगर वह ऐसा नहीं करेगा तो उसकी जमानत तुरंत रद्द हो जाएगी।
अदालत ने यह शर्त कोविड-19 के लगातार बढ़ते मामलों के मद्देनजर रखी है। अदालत का मानना है कि इस शर्त से लोग अपने आस-पास सतर्क रहेंगे। पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नवीन कुमार कश्यप की अदालत ने आपराधिक मामले में विचाराधीन कैदी को जमानत देते हुए कहा कि अन्य सामान्य शर्तें भी इस कैदी पर लागू रहेंगी, लेकिन आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने की शर्त अनिवार्य है।
अदालत ने कहा कि बार-बार सरकार की तरफ से लोगों को कहा जा रहा है कि वह इस एप को अपने स्मार्टफोन में डाउनलोड कर लें। इससे कोरोना के समय में प्रत्येक व्यक्ति को यह जानने में आसानी रहेगी कि उसके आस-पास कोई कोरोना मरीज तो नहीं है। अगर कोई मरीज है तो सावधानी बरत कर उससे बचा सकता है। अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि कैदी को हमेशा अपने मोबाइल में जीपीएस सिस्टम व ब्लूटूथ चालू रखने होंगे। इससे कैदी के मौजूदा स्थल की जानकारी भी पुलिस को रहेगी और कोरोना जैसी गंभीर बीमारी से लड़ना भी आसान होगा।
दरअसल, अदालत का यह आदेश एक जागरुकता संदेश माना जा सकता है। अभी भी दिल्ली और देशभर में बड़ी जनसंख्या ऐसी है जिसने आरोग्य सेतु एप डाउनलोड नहीं किया है, जबकि इस एप को डाउनलोड करना जरूरी है। इसीलिए अदालत ने इस अभियान की शुरुआत करते हुए जमानत की शर्त के तौर इसे लागू किया है।