Breaking News

ब्राजील के नए राष्ट्रपति होंगे लूला डा सिल्वा 50.90% वोट मिले

ब्राजील के नए राष्ट्रपति होंगे लूला डा सिल्वा 50.90% वोट मिले  लूला डा सिल्वा लैटिन अमेरिका के सबसे बड़े देश ब्राजील के नए राष्ट्रपति होंगे। उन्होंने मौजूदा राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो को हरा दिया है। लूला वामपंथी वर्कर्स पार्टी से हैं। 1 जनवरी 2023 को पद संभालेंगे, तब तक बोल्सोनारो केयरटेकर राष्ट्रपति बने रहेंगे।  30 अक्टूबर को राष्ट्रपति चुनाव के लिए दूसरे राउंड की वोटिंग हुई। लूला डा सिल्वा को 50.90%, जबकि बोल्सोनारो को 49.10% वोट मिले। ब्राजील के संविधान के मुताबिक, चुनाव जीतने के लिए किसी भी कैंडिडेट को कम से कम 50% वोट हासिल करने होते हैं। पिछले महीने हुई पहले राउंड की वोटिंग में लूला को 48.4%, जबकि बोल्सोनारो को 43.23% वोट मिले थे।  580 दिन जेल में रहे 77 साल के लूला डा सिल्वा ने चुनाव मैदान में भ्रष्टाचार को खत्म करने का अभियान छेड़ा था। उनका कहना था कि बोल्सोनारो के दौर में भ्रष्टाचार बढ़ा। वैसे लूला भी राष्ट्रपति रह चुके हैं और उन्हें भ्रष्टाचार के कारण पद छोड़ना पड़ा था। भ्रष्टाचार के आरोपों सही साबित होने के बाद वे 580 दिन जेल में रहे थे।  इस साल लूला 6वीं बार राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ रहे थे, जिसमें उन्हें जीत मिली। उन्होंने पहली बार 1989 में चुनाव लड़ा था। ये तीसरी बार होगा जब लूला राष्ट्रपति पद संभालेंगे। इसके पहले वो 2003 से 2010 के बीच दो बार राष्ट्रपति चुने गए थे। राजनीति  से पहले वो एक फैक्ट्री में काम करते थे।  अब दुनिया की नजरें बोल्सोनारो के रिएक्शन पर राष्ट्रपति चुनाव का फैलसा आने के बाद अब पूरी दुनिया की नजरें बोल्सोनारो और उनके समर्थकों पर टिकीं हैं। बोल्सोनारो पहले ही ये साफ कर चुके थे कि अगर वो चुनाव हारे तो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का रास्ता अपनाएंगे और नतीजों को कबूल नहीं करेंगे।  अब उनकी हार के बाद देश में हिंसा होने का खतरा बढ़ गया है। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। मतदान केंद्रों से 100 मीटर की दूरी तक हथियार नहीं ले जाने के आदेशों के बावजूद कई जगह बोल्सोनारो समर्थक खुलेआम हथियारों के साथ घूम रहे थे। वो वोटरों को धमकाने में लगे हुए थे।  बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर चुनाव प्रचार कर रहे थे नेता इस बार ब्राजील में सियासी नफरत इस कदर बढ़ गई कि बोल्सोनारो और लूला दोनों ही बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर प्रचार करते नजर आए। हाल ही में राष्ट्रपति बोल्सोनारो के एक समर्थक ने लूला-समर्थक की चाकू घोंपकर हत्या कर दी थी। बोल्सोनारो पर तो पिछले चुनाव में प्रचार के दौरान हमला भी हुआ था।  दरअसल, ब्राजील में गैंग कल्चर यहां पर हाई क्राइम का कारण है। चुनाव के दौरान बड़े राजनीतिक दल हिंसा फैलाने और वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए इन गैंग को भाड़े पर रखते हैं। चुनाव के प्रचार के दौरान ही राजनीतिक हिंसा की 250 से ज्यादा वारदात हुईं। इनमें 2000 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारियां भी हुईं।  नई सरकार के सामने होंगी 3 बड़ी चुनौतियां लूला की सरकार के सामने तीन बड़ी चुनौतियां होंगी। पहली पर्यावरण संतुलन- अमेजन जंगल का 60% हिस्सा ब्राजील में है। ये दुनिया की जलवायु का संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। साथ ही ग्लोबल वॉर्मिंग से लड़ने में भी मदद करते हैं। लेकिन जंगल में आग, अवैध उत्खनन और पेड़ों की कटाई के चलते ब्राजील को 90 साल के सबसे भीषण सूखे का सामना करना पड़ा। लूला हमेशा से ही पर्यावरण संरक्षण के पक्ष में रहे हैं। उनके राष्ट्रपति बनने के बाद अब ब्राजील पेड़ों की कटाई जैसी समस्याओं से उबर सकता है।

ब्राजील के नए राष्ट्रपति होंगे लूला डा सिल्वा 50.90% वोट मिले

लूला डा सिल्वा लैटिन अमेरिका के सबसे बड़े देश ब्राजील के नए राष्ट्रपति होंगे। उन्होंने मौजूदा राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो को हरा दिया है। लूला वामपंथी वर्कर्स पार्टी से हैं। 1 जनवरी 2023 को पद संभालेंगे, तब तक बोल्सोनारो केयरटेकर राष्ट्रपति बने रहेंगे।

30 अक्टूबर को राष्ट्रपति चुनाव के लिए दूसरे राउंड की वोटिंग हुई। लूला डा सिल्वा को 50.90%, जबकि बोल्सोनारो को 49.10% वोट मिले। ब्राजील के संविधान के मुताबिक, चुनाव जीतने के लिए किसी भी कैंडिडेट को कम से कम 50% वोट हासिल करने होते हैं। पिछले महीने हुई पहले राउंड की वोटिंग में लूला को 48.4%, जबकि बोल्सोनारो को 43.23% वोट मिले थे।

Must watch 👉बिजली कंपनी का कारनामा विद्युत निवारण फोरम में कर दी फर्जी नियुक्ति

580 दिन जेल में रहे
77 साल के लूला डा सिल्वा ने चुनाव मैदान में भ्रष्टाचार को खत्म करने का अभियान छेड़ा था। उनका कहना था कि बोल्सोनारो के दौर में भ्रष्टाचार बढ़ा। वैसे लूला भी राष्ट्रपति रह चुके हैं और उन्हें भ्रष्टाचार के कारण पद छोड़ना पड़ा था। भ्रष्टाचार के आरोपों सही साबित होने के बाद वे 580 दिन जेल में रहे थे।

See also  पाकिस्तान में अस्पताल की छत पर मिलीं 200 से ज्यादा लाशें

इस साल लूला 6वीं बार राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ रहे थे, जिसमें उन्हें जीत मिली। उन्होंने पहली बार 1989 में चुनाव लड़ा था। ये तीसरी बार होगा जब लूला राष्ट्रपति पद संभालेंगे। इसके पहले वो 2003 से 2010 के बीच दो बार राष्ट्रपति चुने गए थे। राजनीति  से पहले वो एक फैक्ट्री में काम करते थे।

अब दुनिया की नजरें बोल्सोनारो के रिएक्शन पर
राष्ट्रपति चुनाव का फैलसा आने के बाद अब पूरी दुनिया की नजरें बोल्सोनारो और उनके समर्थकों पर टिकीं हैं। बोल्सोनारो पहले ही ये साफ कर चुके थे कि अगर वो चुनाव हारे तो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का रास्ता अपनाएंगे और नतीजों को कबूल नहीं करेंगे।

See also  गांजा पीना या रखना अब गुनाह नहीं, जो जेल में हैं वो रिहा होंगे

अब उनकी हार के बाद देश में हिंसा होने का खतरा बढ़ गया है। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। मतदान केंद्रों से 100 मीटर की दूरी तक हथियार नहीं ले जाने के आदेशों के बावजूद कई जगह बोल्सोनारो समर्थक खुलेआम हथियारों के साथ घूम रहे थे। वो वोटरों को धमकाने में लगे हुए थे।

बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर चुनाव प्रचार कर रहे थे नेता
इस बार ब्राजील में सियासी नफरत इस कदर बढ़ गई कि बोल्सोनारो और लूला दोनों ही बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर प्रचार करते नजर आए। हाल ही में राष्ट्रपति बोल्सोनारो के एक समर्थक ने लूला-समर्थक की चाकू घोंपकर हत्या कर दी थी। बोल्सोनारो पर तो पिछले चुनाव में प्रचार के दौरान हमला भी हुआ था।

दरअसल, ब्राजील में गैंग कल्चर यहां पर हाई क्राइम का कारण है। चुनाव के दौरान बड़े राजनीतिक दल हिंसा फैलाने और वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए इन गैंग को भाड़े पर रखते हैं। चुनाव के प्रचार के दौरान ही राजनीतिक हिंसा की 250 से ज्यादा वारदात हुईं। इनमें 2000 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारियां भी हुईं।

See also  'तानाशाह मुर्दाबाद' के नारों से गूंजा ईरान

नई सरकार के सामने होंगी 3 बड़ी चुनौतियां
लूला की सरकार के सामने तीन बड़ी चुनौतियां होंगी। पहली पर्यावरण संतुलन- अमेजन जंगल का 60% हिस्सा ब्राजील में है। ये दुनिया की जलवायु का संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। साथ ही ग्लोबल वॉर्मिंग से लड़ने में भी मदद करते हैं। लेकिन जंगल में आग, अवैध उत्खनन और पेड़ों की कटाई के चलते ब्राजील को 90 साल के सबसे भीषण सूखे का सामना करना पड़ा। लूला हमेशा से ही पर्यावरण संरक्षण के पक्ष में रहे हैं। उनके राष्ट्रपति बनने के बाद अब ब्राजील पेड़ों की कटाई जैसी समस्याओं से उबर सकता है।

Facebook
Twitter
LinkedIn

Related Posts

Verified by MonsterInsights