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उस सड़क की कहानी, जिस पर गडकरी ने माफी मांगी:डेढ़ साल में पूरा होना था काम, 7 साल बाद भी अधूरा

उस सड़क की कहानी, जिस पर गडकरी ने माफी मांगी:डेढ़ साल में पूरा होना था काम, 7 साल बाद भी अधूरा

मंडला-जबलपुर रोड के काम में देरी पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोगों से माफी मांगी। इसकी नौबत क्यों पड़ी? दरअसल, इस सड़क का काम 2015 में शुरू हुआ था। इसकी लागत 400 करोड़ रुपए तय की गई थी। निर्माण कार्य 2017 में पूरा होना था, लेकिन काम अब तक अधूरा है। लोगों को कच्चे और पथरीले मार्ग पर आने-जाने में समस्या हो रही है।

केंद्रीय मंत्री गडकरी सोमवार को मंडला क्षेत्र की 5 सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास करने मंडला पहुंचे थे। यहां उन्होंने सभा को संबोधित किया। इस दौरान सड़क का काम अधूरा होने पर माफी मांगी थी। उनके साथ CM शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रदेश के PWD मंत्री गोपाल भार्गव सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

जानिए केंद्रीय मंत्री गडकरी ने क्या कहा

'बरेला से मंडला के बीच 400 करोड़ रुपए की लागत से 63 किमी 2 लेन पेव सोल्डर का जो काम हो रहा है, उससे मैं बिल्कुल संतुष्ट नहीं हूं। आज मेरे यहां आने के पहले अधिकारियों से बात हुई है कि इसका जितना काम बाकी है उसे म्यूच्यूअल कंसेंट से बात कर सस्पेंड कर दो। पुराने काम को रिपेयर करो। नया टेंडर निकालो और जल्दी ये रोड पूरा करके दो। अभी तक इसके लिए आपको जो तकलीफ हुई है, उसके लिए मैं क्षमा मांगता हूं।

जो निर्माण हुआ उसकी गुणवत्ता पर संदेह

नेशनल-हाईवे 30 पर मंडला-जबलपुर के बीच 63.55 किमी मार्ग निर्माण का कांट्रैक्ट 2015 में एमपीआरडीसी ने जीडीसीएल कंपनी को दिया था। निर्माण कंपनी जीडीसीएल ने 17 दिसंबर 2015 को मार्ग का निर्माण कार्य शुरू किया। इसकी अनुमानित लागत 251.84 करोड़ रुपए थी। 18 महीनों बाद 16 जून 2017 को इसका काम पूरा होना था। करीब 7 साल बीतने के बाद भी निर्माण पूरा नहीं हो सका। जो निर्माण हुआ है उसकी गुणवत्ता पर भी संदेह है। कई बार लोग सड़क की गुणवत्ता को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं।

निर्माण कंपनी ने सब कांट्रैक्टर्स को दिया ठेका

सड़क निर्माण का ठेका जीडीसीएल कंपनी ने लिया। उसने काम सब कांट्रैक्टर्स को दे दिया। ये सब कांट्रैक्टर्स कंपनी से समय पर भुगतान न होने की बात कह कर निर्माण में देरी कर रहे हैं। इसके बावजूद एमपीआरडीसी एवं एनएचएआई अफसर निर्माण कंपनी पर कार्रवाई करने की बजाय बार-बार समयसीमा बढ़ाते चले गए।

PWD मंत्री भार्गव जता चुके नाराजगी

प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने भी इस मार्ग को लेकर असंतोष जाहिर किया। उन्होंने रविवार को मंडला-जबलपुर के बीच निर्माणाधीन हाईवे का जायजा लिया। PWD मंत्री ने कहा कि मैंने मंडला आने के दौरान मंडला-जबलपुर मार्ग को देखा है, निश्चित रूप से वह मार्ग जैसा बनना चाहिए था वैसा नहीं बना।

आधे हिस्से में काम कर टोल वसूली शुरू

मंडला बाइपास से जबलपुर के बीच 91 किमी रोड बनानी है। इसे 2 पैकेज में बांटा गया है। एक हिस्सा बरेला से जबलपुर 28 KM का। यह पूरा हो चुका है। कंपनी यहां वाहनों से टोल भी ले रही है। दूसरा खंड बरेला से मंडला के बीच 63 KM का है। निर्माण कंपनी की ओर से इस हिस्से में भी ज्यादातर काम कर लिया है। हालांकि, मंत्री गोपाल भार्गव ने इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। कुड़ामैली में ब्रिज का काम अधूरा है। सबसे ज्यादा परेशानी इसी हिस्से में है। इस हिस्से में आए दिन जाम लग जाता है।

केंद्रीय मंत्री कुलस्ते कई बार बता चुके समस्या

क्षेत्रीय सांसद व केंद्रीय फग्गन सिंह कुलस्ते भी इस हाईवे को लेकर कई बार नाराजगी जारी कर चुके हैं। सड़क के लिए उन्होंने जिले के प्रतिनिधिमंडल के साथ दिल्ली में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी मुलाकात की थी। उन्हें सड़क निर्माण में लापरवाही को लेकर अवगत कराया था। सोमवार को केंद्रीय मंत्री के मंडला आने पर भी उन्होंने नितिन गडकरी से सड़क को लेकर चर्चा की थी।

कलेक्टर ने दिए थे FIR के निर्देश

जनता को हो रही परेशानी को देखते हुए कुछ समय पहले कलेक्टर हर्षिका सिंह ने एमपीआरडीसी, पीडब्ल्यूडी के अफसरों और ठेका कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। उन्होंने निर्माण कार्य में दैनिक प्रगति की रिपोर्ट देने और सड़क निर्माण की गति बढ़ाने के निर्देश भी दिए थे। बार-बार निर्देशों के बाद भी संतोषजनक प्रगति नहीं होने पर कलेक्टर ने सड़क निर्माण कंपनी जीडीसीएल पर FIR के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद निर्माण कंपनी के रवैये में कोई सुधार नहीं हुआ।

पहाड़ी कटिंग में खामी से समस्या

भावल, भवैया एवं कालपी में पहाड़ी कटिंग में खामी की वजह से मार्ग प्रारंभ नहीं हो सका है। यहां पहाड़ी की कटिंग गलत तरीके से की है। इस खड़ी कटिंग के कारण पहाड़ी से पत्थर, मिट्टी टूट कर सड़क पर गिर जाती है और उन स्थानों पर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। ऐसे में यहां से रूट को डायवर्ट किया गया है।

गडकरी ने सोमवार को मंडला की सभा में कहा, 'बरेला से मंडला तक 400 करोड़ रुपए की लागत से 63 किलोमीटर का टू लेन रोड बन रहा है, इससे मैं संतुष्ट नहीं हूं। अधिकारियों से कहा है कि सड़क का जितना काम बाकी है, उसे सस्पेंड कर दो। पुराने काम को रिपेयर करो। नया टेंडर निकालो। जल्दी ये रोड अच्छा और पूरा करके दो। अभी तक आपको जो तकलीफ हुई है, इसके लिए मैं क्षमा मांगता हूं।'

उस सड़क की कहानी, जिस पर गडकरी ने माफी मांगी:डेढ़ साल में पूरा होना था काम, 7 साल बाद भी अधूरा

मंडला-जबलपुर रोड के काम में देरी पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोगों से माफी मांगी। इसकी नौबत क्यों पड़ी? दरअसल, इस सड़क का काम 2015 में शुरू हुआ था। इसकी लागत 400 करोड़ रुपए तय की गई थी। निर्माण कार्य 2017 में पूरा होना था, लेकिन काम अब तक अधूरा है। लोगों को कच्चे और पथरीले मार्ग पर आने-जाने में समस्या हो रही है।

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केंद्रीय मंत्री गडकरी सोमवार को मंडला क्षेत्र की 5 सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास करने मंडला पहुंचे थे। यहां उन्होंने सभा को संबोधित किया। इस दौरान सड़क का काम अधूरा होने पर माफी मांगी थी। उनके साथ CM शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रदेश के PWD मंत्री गोपाल भार्गव सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

जानिए केंद्रीय मंत्री गडकरी ने क्या कहा

‘बरेला से मंडला के बीच 400 करोड़ रुपए की लागत से 63 किमी 2 लेन पेव सोल्डर का जो काम हो रहा है, उससे मैं बिल्कुल संतुष्ट नहीं हूं। आज मेरे यहां आने के पहले अधिकारियों से बात हुई है कि इसका जितना काम बाकी है उसे म्यूच्यूअल कंसेंट से बात कर सस्पेंड कर दो। पुराने काम को रिपेयर करो। नया टेंडर निकालो और जल्दी ये रोड पूरा करके दो। अभी तक इसके लिए आपको जो तकलीफ हुई है, उसके लिए मैं क्षमा मांगता हूं।

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जो निर्माण हुआ उसकी गुणवत्ता पर संदेह

नेशनल-हाईवे 30 पर मंडला-जबलपुर के बीच 63.55 किमी मार्ग निर्माण का कांट्रैक्ट 2015 में एमपीआरडीसी ने जीडीसीएल कंपनी को दिया था। निर्माण कंपनी जीडीसीएल ने 17 दिसंबर 2015 को मार्ग का निर्माण कार्य शुरू किया। इसकी अनुमानित लागत 251.84 करोड़ रुपए थी। 18 महीनों बाद 16 जून 2017 को इसका काम पूरा होना था। करीब 7 साल बीतने के बाद भी निर्माण पूरा नहीं हो सका। जो निर्माण हुआ है उसकी गुणवत्ता पर भी संदेह है। कई बार लोग सड़क की गुणवत्ता को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं।

निर्माण कंपनी ने सब कांट्रैक्टर्स को दिया ठेका

सड़क निर्माण का ठेका जीडीसीएल कंपनी ने लिया। उसने काम सब कांट्रैक्टर्स को दे दिया। ये सब कांट्रैक्टर्स कंपनी से समय पर भुगतान न होने की बात कह कर निर्माण में देरी कर रहे हैं। इसके बावजूद एमपीआरडीसी एवं एनएचएआई अफसर निर्माण कंपनी पर कार्रवाई करने की बजाय बार-बार समयसीमा बढ़ाते चले गए।

PWD मंत्री भार्गव जता चुके नाराजगी

प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने भी इस मार्ग को लेकर असंतोष जाहिर किया। उन्होंने रविवार को मंडला-जबलपुर के बीच निर्माणाधीन हाईवे का जायजा लिया। PWD मंत्री ने कहा कि मैंने मंडला आने के दौरान मंडला-जबलपुर मार्ग को देखा है, निश्चित रूप से वह मार्ग जैसा बनना चाहिए था वैसा नहीं बना।

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आधे हिस्से में काम कर टोल वसूली शुरू

मंडला बाइपास से जबलपुर के बीच 91 किमी रोड बनानी है। इसे 2 पैकेज में बांटा गया है। एक हिस्सा बरेला से जबलपुर 28 KM का। यह पूरा हो चुका है। कंपनी यहां वाहनों से टोल भी ले रही है। दूसरा खंड बरेला से मंडला के बीच 63 KM का है। निर्माण कंपनी की ओर से इस हिस्से में भी ज्यादातर काम कर लिया है। हालांकि, मंत्री गोपाल भार्गव ने इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। कुड़ामैली में ब्रिज का काम अधूरा है। सबसे ज्यादा परेशानी इसी हिस्से में है। इस हिस्से में आए दिन जाम लग जाता है।

केंद्रीय मंत्री कुलस्ते कई बार बता चुके समस्या

क्षेत्रीय सांसद व केंद्रीय फग्गन सिंह कुलस्ते भी इस हाईवे को लेकर कई बार नाराजगी जारी कर चुके हैं। सड़क के लिए उन्होंने जिले के प्रतिनिधिमंडल के साथ दिल्ली में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी मुलाकात की थी। उन्हें सड़क निर्माण में लापरवाही को लेकर अवगत कराया था। सोमवार को केंद्रीय मंत्री के मंडला आने पर भी उन्होंने नितिन गडकरी से सड़क को लेकर चर्चा की थी।

कलेक्टर ने दिए थे FIR के निर्देश

जनता को हो रही परेशानी को देखते हुए कुछ समय पहले कलेक्टर हर्षिका सिंह ने एमपीआरडीसी, पीडब्ल्यूडी के अफसरों और ठेका कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। उन्होंने निर्माण कार्य में दैनिक प्रगति की रिपोर्ट देने और सड़क निर्माण की गति बढ़ाने के निर्देश भी दिए थे। बार-बार निर्देशों के बाद भी संतोषजनक प्रगति नहीं होने पर कलेक्टर ने सड़क निर्माण कंपनी जीडीसीएल पर FIR के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद निर्माण कंपनी के रवैये में कोई सुधार नहीं हुआ।

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पहाड़ी कटिंग में खामी से समस्या

भावल, भवैया एवं कालपी में पहाड़ी कटिंग में खामी की वजह से मार्ग प्रारंभ नहीं हो सका है। यहां पहाड़ी की कटिंग गलत तरीके से की है। इस खड़ी कटिंग के कारण पहाड़ी से पत्थर, मिट्टी टूट कर सड़क पर गिर जाती है और उन स्थानों पर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। ऐसे में यहां से रूट को डायवर्ट किया गया है।

गडकरी ने सोमवार को मंडला की सभा में कहा, ‘बरेला से मंडला तक 400 करोड़ रुपए की लागत से 63 किलोमीटर का टू लेन रोड बन रहा है, इससे मैं संतुष्ट नहीं हूं। अधिकारियों से कहा है कि सड़क का जितना काम बाकी है, उसे सस्पेंड कर दो। पुराने काम को रिपेयर करो। नया टेंडर निकालो। जल्दी ये रोड अच्छा और पूरा करके दो। अभी तक आपको जो तकलीफ हुई है, इसके लिए मैं क्षमा मांगता हूं।’

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